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तिरंगे से जुड़े आपके हर सवाल के जवाब यहाँ हैं, आपको अपने घर तिरंगा कैसे फहराना है यह भी जानें - uptvsamachar.com

किसी भी साधारण व्यक्ति को यह अनुमति नहीं है कि वह अपनी मोटरकार पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित करे, यह सिर्फ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति , राज्यपाल व उप राज्यपाल, कैबिनेट व राज्य मंत्री, मुख्यमंत्री व न्यायाधीश को ही है.

राष्ट्रीय ध्वज से सम्बंधित यह सभी जानकारी हम आपको विकिपीडिया, भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस व डीएम महराजगंज की ट्वीट से इकट्ठा करके दे रहे हैं. इसमे हम आपको बहुत ही संक्षेप में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने का प्रयास किये हैं।

हर घर तिरंगा अभियान में आप भी इस अभियान का हिस्सा बने लेकिन ये सावधानियां जरूर रखें जैसे – राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान को बिना कोई नुकसान पहुंचाए आप तिरंगा लहरा सकते हैं।

जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

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सरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्‍टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।

ध्वज को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।

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जब ध्वज किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।

ध्वज का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की ओर हो तो ध्वज उनके दाहिने ओर हो।

ध्वज किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।
फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है।

ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।

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ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
जब ध्वज फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में पूरा नष्ट किया जाए।सड़को पर इधर उधर बिल्कुल नहीं फेंके।

तिरंगे या उसके किसी हिस्से को फाड़ना, जलाना, कुचलना, दूषित या विकृत करना अथवा विरूपित करना दंडनीय अपराध है. इसके लिए 3 साल की जेल और अदालत की ओर से तय आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है.

 

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