महराजगंज : जिले मे भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है। प्रशासन के सख्त चेतावनी व रवैये के बाद भी कुछ लोगों द्वारा आदेशो का अवहेलना किया जा रहा है।
सिसवां ब्लॉक के ग्राम जगन्नाथपुर की महिला ग्राम प्रधान वहीदून निशा ने अपने ही दोनों बेटे मोहम्मद कैफ अंसारी जो दिल्ली में रहकर पढ़ाई करते हैं फिर भी गाँव के कई योजनाओं के लिए निर्माण कार्य में होने वाले खर्च का भुगतान नौशाद अली अंसारी के खाते में मजदूरी के नाम पर कई बार भुगतान करा लिया गया है।
जिसको लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र के माध्यम से जांच की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की भनक लोगों में पहले से थी कि कुछ लोगों के नाम पर फर्जी भुगतान किया जा रहा है लेकिन उनका यह सोच हकीकत में तब बदल गया जब उन्हें पता चला कि जिनके नाम पर भुगतान किया जा रहा है वे ग्राम प्रधान के ही बेटे हैं, जो दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिनको कुछ अधिकारियों के मिली भगत से कागजों में मजदूर बना कर भुगतान कर लिया गया है।
किन योजनाओं में कितना किया गया भुगतान?
ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से बताया गया है कि सामुदायिक भवन में रगाई-पुताई के नाम से रूपये 12398 तथा गांव के पश्चिम पोखरे पर छठ घाट के निर्माण के लिए रूपये 13685 का भुगतान ग्राम प्रधान के दोनों बेटों के मजदूरी के नाम पर किया गया है, जो दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
इसके साथ ही ग्राम पंचायत में विभिन्न स्थानों पर नाली निर्माण में भी रूपये 69697 का भुगतान प्रधान के बड़े बेटे नौशाद अली के नाम पर मजदूरी के रूप में की गई है।
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ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान के बड़े बेटे नौशाद अली को गांव के प्रत्येक निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में दिखाया गया है जबकि दिल्ली में वह अपनी पढ़ाई कर रहा है। इतना ही नही गांव के पश्चिम में पोखरा पर छठ घाट के निर्माण के लिए रूपये 95863 का जक्की ईंट फर्म के नाम से भुगतान कराया गया तथा छठ घाट निर्माण के लिए रूपये 79228 पांडेय बिल्डिंग मटेरियल के नाम से कराया गया है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप मामले की जांच कर उचित कर्रवाई करने की मांग की है।
उक्त मामले को लेकर बीडीओ श्वेता मिश्रा से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह मामला अपराध पूर्ण है। गरीबों का हक छिनने का किसी को कोई अधिकं नही है। अतः मामले की गहनता से जांच कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं ग्राम विकास अधिकारी विवेकानंद से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त मामले पूरी तरह से बेबुनियाद है। 2, 4, 5 हजार रुपयों के लिए वो लोग पूरे गॉंव की शिकायत करते है फिर पैसा मिलने के बाद बदल जाते है। इनका यही एक मात्र काम है। और मजे खुद ही ग्राम प्रधान को डाँटता व समझता रहता हूं कि किसी भी प्रकार का कोई गलत काम न करें।