यूपी का यह जनपद महराजगंज भारत नेपाल की सीमा पर बसा हुआ है, इंडो नेपाल की यह सीमा महराजगंज जिले में करीब 84 किलोमीटर खुली हुई है. दो मुख्य रास्ते ठूठीबारी और सोनौली हैं बाकी छोटी छोटी सैकड़ो पगडंडिया हैं जो भारत- नेपाल दोनों देशों को जोड़ती हैं.
भारत नेपाल सीमा पर बहुत सी सुरक्षा एजेंसियां काम करती हैं और सुरक्षा की दृष्टिकोण से नजर बनाई रहती हैं, जिसमे सीमा पर एसएसबी जवान, एसएसबी चौकियां चेक-पोस्ट, कस्टम, आईबी, एलआईयू, सीबीसीआईडी, यूपी पुलिस जैसी तमाम कम्पनियां इस सीमा की सुरक्षा करती हैं.
अब हम आपको बताते हैं इस सीमा और इस जनपद में कौन कौन सी ऐसी काम हैं जिसे लोग करके रातों रात करोड़पति बन रहे हैं.
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प्रापर्टी
जिले में ऐसे कई छोटे छोटे प्रापर्टी डीलर पनप गए हैं जिनका कोई रजिस्टर्ड फर्म नहीं है और नाही उनके असल नाम पता. ऐसे लोग बड़ी आसानी से जमीन/मकान खरीदार को अपने झांसे में लेकर किसी भी विवादित या मूल भाव से दुगुनी कीमत पर खरीद फरोख्त कर रहे हैं और आए दिन ऐसे पीड़ित थाने और एसपी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं. यह काम करने वाले कई ऐसे लोग हैं जिनकी सम्पत्ति हर वर्ष चार गुनी बढ़ोतरी की है.
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खनन
जिले में कई खनन माफिया भी सक्रिय हैं जिनके कारोबार हर महीने करोड़ो रूपये का वारा न्यारा करती है, नदियों से अवैध बालू खनन कराकर नजदीकी थाने चौकी- खनन विभाग की सेटिंग से यह कारोबार चमका हुआ है. ओवरलोडिंग और फर्जी कागजातों के कई मामलों का खुलासा अबतक हो चुका है.
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कबाड़ कारोबार
जिले की दोनों मुख्य बार्डर इंडो नेपाल सीमा से सटे कई ऐसे कबाड़ कारोबारी हैं जो भारत से नेपाल और नेपाल से भारत में कबाड़ का कारोबार करते हैं. बड़ी बड़ी ट्रकों से टायर,प्लास्टिक, काँच, मशीनों जैसी आदि चीजों का आरपार का खेल चलता है. यह कारोबारी रात के अंधेरे में कबाड़ को सीमा से पार कराते हैं और इसके बाद अपने गोदाम में डम्प करके बड़ी बड़ी ट्रेलरों से दिल्ली मुम्बई गुजरात जैसी शहरों में बेच देते हैं. इन कबड़ो के खरीदार दिल्ली मुम्बई गुजरात हैदराबाद जैसी शहरों से आकर यहाँ भाव सामान आदि को तय करके इस जनपद से रातों रात निकलवा कर रवाना कर देते हैं. हम उन व्यापारियों का नाम अपने इस ख़बर में नहीं दर्शा रहे हैं, क्योंकि उनके नाम और काम दोनों की जानकारी प्रशासन के पास है. इस कबाड़ कारोबारियों ने प्रशासन के बीच अपनी गहरी पैठ बनाएं हुए हैं इनकी सम्पत्ति आप कभी इनके रहन सहन को देखकर आंक नहीं पाएंगे. इनसे डर इस बात की है कि कभी यह कबाड़ की आड़ में ही किसी घटना को अंजाम ना देदे.
नशे के सौदागर
नशे के सौदागर जिले में कुछ समय पहले तक बहुत सक्रिय थे उनका तार गाँव से लेकर शहरों तक फैला हुआ था और यहीं नहीं जिला मुख्यालय तक पसरा हुआ था. आज की युवा पीढ़ी नशे में डूबती जा रही थी. नजदीकी थाना के दम पर यह धड़ल्ले से अपना कारोबार करते थे लेकिन जबसे जिले में एसपी डॉ कौस्तुभ ने इनपर नकेल कसी है तबसे इनका कमर टूट गया है. गांजा चरस जैसी कई नशीली पदार्थ का कारोबार इनको आसमान की बुलंदियों तक ले गया आज के समय में इनकी सम्पत्ति का अंदाजा लगाना मुश्किल है.
सोना/चाँदी
जिले के सौनौली सीमा से सोने की तस्करी होती रही है ऐसी कई तस्करी का खुलासा पुलिस ने किया है जिसमे बड़ी मात्रा में अष्टधातु और सोने की बिस्किट के साथ अन्य देशों के तस्करों को पकड़ा गया है. फिलहाल पुलिस की सक्रियता और जांच एजेंसियों की सतर्कता की वजह से ऐसे लोग अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाते हैं लेकिन यह सीमा खुली हुई है जो इनसे बच जाते होंगे उनकी चांदी ही चांदी हो जाती होगी. अक्सर लोग इस सीमा से सस्ता और गड़ा हुआ सोना खरीदने की लालच में आकर अपनी जमा पूंजी भी गवा देते हैं.
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खाद्य पदार्थ एवं नशीली दवा
खाने पीने वाली चीजों और नशीली दवाओं की तस्करी इस सीमा पर आम बात है आए दिन यह लोग पुलिस की गिरफ्त में होते हैं, सीमा से सटे गाँव के लोग इन चीजों का ज्यादा लाभ उठाते हैं. नेपाल में नशीली सीरप और कुछ इंजेक्शन का बहुत डिमांड है ऐसे में तस्करी करने वाले लोग इन चीजों को सीमा से आरपार का खेल करते रहते हैं. खाद्य पदार्थों की तस्करी इतनी बड़ी पैमाने पर होती है कि सैकड़ो लोग एक ही बार में सीमा पार करते हैं और साईकल बाइक आदि सवारी गाड़ियों से कैरी करते हैं. इन अवैध कारोबार से ऐसे कई लोग हैं जिनकी संपत्ति का शायद अंदाजा लगाना मुश्किल है.
यह सभी अवैध कारोबार कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण में होती है इसीलिए अक्सर पुलिस के हाथ बंध जाते हैं बावजूद इसके प्रशासन इन सभी कामों को करने वालों पर गैंगेस्टर जैसी गम्भीर धाराओं में जेल भेजती है.