Kanpur Court Decision News : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 3 साल पहले रूह कंपा देने वाली एक ऐसी घटना घटी थी जहां पर एक दंपति ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में तांत्रिक के कहने पर बच्ची के कलेजों को निकालककर खा लिया था।
3 साल पहले की बात है जब 14 नवंबर 2020 की शाम को बच्ची घर से लापता हो गई थी। बच्ची के परिजनों ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने वीभत्स घटना की जांच पड़ताल शुरू की। उक्त भयावह हत्याकांड की तफ्तीश करते हुए पुलिस ने घटना के पीछे निशंतान दम्पति की भूमिका पाई। वही पुलिस ने सुराग दर सुराग मिलने पर अपनी जाँच तेज की। पुलिस ने बच्ची के पिता की ओर से दर्ज कराए गए केस में नामदज अभियुक्तों को आरोपी सूची से बाहर कर दिया। वही गांव के ही परशुराम और सुनैना को मामले में धर दबोचा।
आपको बता दें कि दंपति को पिछले 19 साल से संतान की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी इसीलिए वह एक तांत्रिक के शरण में गए थे और तांत्रिक ने उनसे बच्चे का कलेजा खाने के बाद संतान की प्राप्ति होने की बात कही थी। इसी बात को लेकर वह दोनों अपने दो सहयोगियों के माध्यम से एक बच्ची को पहले अगवा करवाया फिर दोनों ने बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। उसके बाद मासूम बच्ची का पेट फाड़कर कलेजे को निकालकर दम्पति को सौंप दिया जिसे उक्त दम्पति ने खा लिया।
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घटना की शुरुआत
कानपुर देहात के घाटमपुर के एक गांव में 14 नवंबर 2020 की शाम को घर के बाहर एक बच्ची खेल रही थी। कुछ समय के बाद जब परिजनों ने देखा तब वहां से बच्ची लापता थी। परिजनों ने पूरी रात बच्ची की खोजबीन की लेकिन वह नही मिली। अगले दिन उसके शव को पुलिस ने गांव के बाहर क्षत-विक्षत रूप में बरामद किया था। मासूम बच्ची के पिता ने गांव के कुछ लोगों के खिलाफ नामजद प्रार्थना पत्र दिया जिसमें गांव के ही अंकुल, वंशलाल कमलराम, बाबूराम और सुरेश जमादार के ख़िलाफ़ पुलिस ने केस दर्ज किया। लेकिन पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल में आरोपियों को निर्दोष बताया था।
यह घटना क्यों हुई
गांव के एक दंपत्ति परशुराम और सुनैना को शादी के 19 साल बाद भी संतान की प्राप्ति नहीं हुई, तब वह एक तांत्रिक से मिले और तांत्रिक ने उससे कहा तुम्हें संतान की प्राप्ति तभी होगी जब तुम किसी बच्चे का कलेजा खाओगे। संतान की प्राप्ति की चाह में आरोपी दंपति ने एक 7 वर्षी मासूम बच्ची को अगवा करने के लिए अपने भतीजे अंकुल और उसके साथी वीरन को मोटी रकम का लालच दिया। मोटी रकम मिलने के बाद दम्पति का भतीजा व उसका साथी वीरन ने बच्ची को अगवा किया उसके बाद बच्ची के साथ गैंगरेप किया फिर मारकर पेट फाड़ कलेजो को निकालकर दम्पति को सौंप दिया। वही दम्पति ने मासूम 7 वर्षीय बच्ची के कलेजो की पूजा कर खा लिया।
बच्ची के माता-पिता ने जताया संतोष
मासूम बच्ची के साथ 3 साल पहले जो हैवानियत की घटना घटी थी। जिसको लेकर कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया उस फैसले के बाद बच्ची के माता-पिता के आंखों में संतोष का भाव दिखा। कोर्ट का फैसला सुनते ही बच्ची के माता-पिता की आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्होंने कहा कि यदि उम्र कैद की जगह दोषियों को फांसी की सजा होती है तो हमारे कलेजे को ठंडक मिल जाती।
मास्टरमाइंड का कोई अता-पता नहीं
7 वर्षी मासूम की वीभत्स हत्याकांड में पुलिस आरोपियों तक तो पहुंच गई और कोर्ट ने सजा भी सुना दिया लेकिन मास्टरमाइंड तांत्रिक की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।