प्रसव पीड़ा लेकर घर से निकली महिला अस्पताल के फर्स पर ही जनने लगी शिशु, डॉक्टर की समझदारी से कुछ ऐसे हुआ प्रसव

महराजगंज : प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल में आई मरीज का अस्पताल परिसर में फर्स पर ही कराना पड़ा प्रसव. महिला के पहले बच्चे का सिजेरियन ( ऑपरेशन ) के दौरान कराया गया था प्रसव. दूसरे बच्चे के प्रसव के दौरान डॉक्टर ने सूझ-बूझ से महिला का नॉर्मल तरीके से कराया प्रसव, डॉक्टर की चारो ओर हो रही सराहना.

जानकारी के मुताबिक बीते दिन सोमवार को विकासखंड घुघुली के ग्रामसभा हरखी निवासिनी चांदनी पत्नी राजन उम्र ( 25 ) गर्भवती थी. जिसके पेट मे तेज से दर्द होना शुरू हुआ जिसके बाद चांदनी के परिजनों ने एम्बुलेंस का सहारा लेते हुए जिला महिला अस्पताल पहुँचे. जहाँ चांदनी को एम्बुलेंस से अस्पताल परिसर में उतारकर कुर्सी पर बैठाया गया तभी मरीज अस्पताल के फर्स पर गिर पड़ी व मदहोश होने लगी. फर्स पर गिरी हुई मरीज चांदनी दर्द से कराहने लगी तथा गर्भाशय में से नवजात शिशु का पैर बाहर की तरफ़ आने लगा.

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मरीज की स्थिति देख अस्पताल परिसर में उपस्थित स्टाफ़ नर्स ने तत्काल ओपीडी में मरीजो को परामर्श दे रहे डॉ. अरुन सिंह को बुलाया. डॉ. अरुन सिंह ने तत्काल प्रभाव से मरीज की स्थिति देखते हुए अस्पताल परिसर के फर्स पर ही चारो तरफ़ से घेराबंदी कर मरीज का सफल नॉर्मल प्रसव कराया.

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क्या कहते है डॉ. अरुन सिंह

डॉ. अरुन सिंह ने बताया कि घुघुली विकास खण्ड के हरखी ग्रामसभा की चांदनी गर्भवती थी जिसका समय पूर्ण हो गया था. चांदनी के पहले बच्चे का प्रसव ऑपरेशन तकनीक से हुआ था. इस बार दूसरे बच्चे का प्रसव करना था. चांदनी बहुत ही क्रिटिकल अवस्था मे महिला अस्पताल में आई थी.

हमारे ओपीडी के बाहर ही महिला को कुर्सी पर बैठाने का प्रयास किया गया, तब तक महिला कुर्सी से नीचे फर्स पर गिर पड़ी. महिला की गम्भीर स्थिति देखते हुए अस्पताल में तैनात स्टाफ़ नर्सों ने तत्काल हमे सूचना दी. सूचना पर हमने महिला की स्थिति देखी. महिला के गर्भाशय से नवजात शिशु का पैर बाहर आ गया था तथा शिशु का पैर नीला पड़ रहा था. महिला की ऐसी स्थिति नही थी कि उसे प्रसूता वार्ड में शिफ़्ट कराकर प्रसव कराया जाय. इसीलिए आनन – फानन में फर्स पर ही घेराबंदी कर महिला का प्रसव कराना पड़ा.

प्रसव के बाद गंभीर हालत में था नवजात शिशु

जिला महिला अस्पताल के फर्स पर कराए गए महिला के प्रसव के बाद नवजात शिशु की कोई प्रतिक्रिया न देख परिजन भयभीत हो गए. नवजात शिशु के जन्म लेने के बाद शिशु के रोने व कुछ न बोलने की आवाज़ न सुन भयभीत परिजनों के आँखे नम हो गई व डॉक्टर अरुन सिंह के तरफ आश लगाए परिजन देखने लगे. डॉ. अरुन सिंह ने सूझ – बूझ से नवजात शिशु रोने लगा व अपनी प्रतिक्रिया देने लगा. इसे देख परिजनों के चेहरे खिल उठे.

जिला महिला अस्पताल में डॉ. अरुन सिंह की सराहना करते नही थक रहे स्टाफ़ व परिजन

महिला की क्रिटिकल अवस्था देख भयभीत परिजनों ने डॉ. अरुन सिंह के प्रतिक्रिया व मेहनत देख सराहना करने लगे साथ ही जच्चा – बच्चा की सुरक्षित प्रसव होने से परिजनों ने धन्यवाद भी ज्ञापित किया. इसके अलावा जनपद भर में उक्त कार्य को सुन लोग डॉ. अरुन सिंह की सराहना करते नही थक रहे.

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