विकास भवन सभागार में “आजादी का अमृत महोत्सव” के उपलक्ष्य में “वर्ल्ड डे अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग” का 25 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम शिविर 01 अगस्त, 2022 से 25 अगस्त, 2022 तक पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार, श्रम विभाग, पंचायती राज विभाग, महिला कल्याण विभाग, स्वैच्छिक संगठन तथा अन्य समस्त सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर जागरूकता अभियान चलाये जाने के हेतु श्रीमती पायल शर्मा, कन्सल्टेन्ट, एन०सी०पी०सी०आर० नई दिल्ली, भारत सरकार की अध्यक्षता में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ एन०सी०पी०सी०आर० द्वारा नामित कन्सल्टेन्ट, पायल शर्मा तथा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ई० अशोक कुमार यादव, जिलाधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार व पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी का स्वागत करते हुए कहा गया हमार जनपद नेपाल से सटा होने के कारण बाल व मानव तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील है। अक्सर सीमा पर संदिग्ध परिस्थितियों में लावारिस बच्चे मिलते हैं, जिसको पूरी तरह रोकना हम सबका दायित्व है।
उन्होंने आगे कहा कि बाल तस्करी तथा मानव तस्करी पर आज की कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों से कन्सल्टेन्ट श्रीमती पायल शर्मा व एस०सी०पी०सी०आर के सदस्य महोदय द्वारा विस्तृत रूप से चर्चा की जायेगी। उक्त कार्यशाला में समस्त प्रतिभागी को इन लोगों से अधिक से अधिक बाल तस्करी तथा मानव तस्करी पर जानकारी प्राप्त होगी और मैं अपेक्षा करता हूँ कि आज की कार्यशाला से प्राप्त जानकारी द्वारा आप लोग जनपद को बाल तस्करी/मानव तस्करी से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाएंगे। जिलाधिकारी महोदय ने सभी थाने के बाल कल्याण अधिकारी एवं डी०सी०पी०यू०, चाइल्ड लाइन, सी0डब्लू0सी0 को निदेशित किया कि सी0डब्लू सी0 में प्रस्तुत बालक/बालिकाओं के घर-घर जा कर काउसिंलिंग कर यह सुनिश्चित करें कि उनलोगों ने किन परिस्थियों में घर से पलायन किया है और इसमें कौन लोग संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी में शामिल गिरोहों पर चोट के लिए सभी का जागरुक होना आवश्यक है।
पुलिस अधीक्षक, महोदय द्वारा बाल तस्करी एवं मानव तस्करी को रोकथाम द्वारा बल देते हुए कहा गया कि पुलिस का कार्य सिर्फ चोरी, डकैती को रोकना ही नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा के अन्तर्गत बाल तस्करी एवं मानव तस्करी को भी रोकना है । पुलिस की वर्दी कानून-व्यवस्था तथा सभी प्रकार के मामलों में सहयोग प्रदान करती है। पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारियों को मानव तस्करी व बाल तस्करी पर अधिक से अधिक कार्य करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों की ट्रैफिकिंग प्रत्यक्ष नहीं दिखने वाला अपराध है, जिससे इनको रोकना भी कठिन कार्य है। इसीलिए यदि कोई बच्चा या बच्ची बॉर्डर पर संदिग्ध परिस्थिति में मिलता है, तो उसके तह में जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का संरक्षण बेहद पवित्र व महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि आशा है कि कंसल्टेंट महोदया व सदस्य महोदय के सुझावों से हमे जनपद में बाल संरक्षण मॉड्यूल को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।
ई० अशोक कुमार यादव, सदस्य, एस०सी०पी०सी०आर० द्वारा बताया गया कि जनपद महराजगंज नेपाल सीमा से सटे होने के कारण बाल तस्करी/ मानव तस्करी में अधिकतर प्रकरण प्राप्त होते है। इसमें संलिप्त लोगों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कर एस०एस०बी० तथा पुलिस के सहयोग से रोकथाम किया जाना संभव है।
श्रीमती पायल शर्मा, कन्सलटेन्ट, एन०सी०पी०सी०आर० के द्वारा बाल तस्करी / मानव तस्करी पर रोकथाम हेतु पी०पी०टी० के माध्यम से सम्बन्धित विषयों पर बिन्दुवार चर्चा करते हुए आज की कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बताया गया कि नेपाल से सटे जनपद कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर आदि जनपदों में बाल तस्करी / मानव तस्करी की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नामित किया गया है। पी०पी०टी० के प्रसारण के माध्यम से प्रतिभागियों को जागरूक किया गया।
आज की कार्यशाला में डी०सी० त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद महराजगंज नेपाल बार्डर से सटे होने के कारण बाल तस्करी/मानव तस्करी की संभावना प्रायः बनी रहती है। जनपद में एस0एस0बी0 तथा पुलिस विभाग तथा जिला बाल संरक्षण इकाई, महराजगंज के सहयोग से मानव तस्करी तथा बाल तस्करी पर रोक थाम हेतु अथक प्रयास किया जा रहा है।
आज की संवेदीकरण कार्यशाला में जपनद के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतिनिधि, महिला कल्याण अधिकारी, म०श०के०, डी०सी०पी०यू० के समस्त कार्मिक, प्रोबेशन विभाग तथा पुलिस विभाग के समस्त थानों के बाल कल्याण अधिकारी, महिला आरक्षी, पी०जी०एस०एस० तथा चाइल्ड लाइन से समस्त कार्मिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अन्त में जिला प्रोबेशन अधिकारी, डी०सी० त्रिपाठी द्वारा आज की कार्यशाला में उपस्थित सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला का समापन किया गया।