जेल में बंद शिक्षा माफिया राजकुमार यादव किस कदर अपनी हनक बनाया हुआ था इसका अंदाजा आज इस ख़बर से आप समझ सकते हैं, उसकी काले कारनामों की पोल खोल रही हमारी टीम पर अब जबरदस्त दबाव बनाया जा रहा है.

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रंगदारी के आरोप में जेल में बंद राजकुमार यादव के जेल जाने के बाद उसकी बनाएं फर्जी अध्यापक डरे सहमे हुए हैं, हमारी टीम द्वारा इस माफिया को नँगा करने का जो मुहिम शुरू हुआ है उससे इन फर्जी अध्यापकों में बौखलाहट साफ नजर आ रही है. पिछली ख़बर में जिस अध्यापक की दस्तावेजों सम्बंधित पोल हमने खोला तो उसने नेता, पत्रकार, दलाल सभी को हमारी टीम के पीछे लगा दिया. बावजूद इसके हमारी टीम बैकफुट नहीं हुई.

जिन फर्जी अध्यापकों की हम ख़बर आपको दिखा रहे हैं उनमें से ही कुछ लोगों को महराजगंज बीएसए आशीष कुमार सिंह ने इसी वर्ष जुलाई में चार शिक्षकों को निलंबित किया था. जांच में इनके दस्तावेज फर्जी पाए गए थे. ठीक उसी दस्तावेजों के आधार पर और भी फर्जी शिक्षक अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं. बीएसए आशीष कुमार सिंह के पूर्व इनकी जांच भी हुई थी लेकिन विभागीय मिलीभगत से इनपर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी और अब भी इन्हें किसके संरक्षण में बक्सा जा रहा है यह जांच का विषय है.

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राजकुमार यादव के राइट हैंड से हमारी टीम ने दुबारा मुलाकात की उसका पक्ष जानना चाहा लेकिन उसने कोई भी बयान देने से साफ इंकार कर दिया. उस उक्त फर्जी अध्यापक और जेल में बंद शिक्षा माफिया के राइट हैंड का कहना था कि आपको जो कुछ बयान लेना है वह बीएसए से लीजिए हमारी जांच हो चुकी है मुझे क्लीनचिट मिल चुका है. जब इससे हमारी टीम ने इसकी शिक्षा के सम्बंधित बताया कि आपकी शिक्षा इस इस विद्यालय में हुई है और आपने यहाँ से पढ़ाई किया है, यह विश्वविद्यालय किस प्रदेश में है? तो उसने किसी और प्रदेश और गलत जिले को बताया क्योंकि यह फर्जी अध्यापक जहाँ से ये डिग्रियां प्राप्त किया है उस विद्यालय या विश्वविद्यालय का मुंह तक नहीं देखा है.

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राजकुमार यादव के कारनामों की जांच में सिंडिकेट का एक और अहम व्यक्ति की जानकारी हाथ लगी है. अरविंद उपाध्याय नाम का यह युवक राजकुमार के साथ साया बनकर रहता था ज्यादातर लेनदेन का काम इसी के हाथों और खातों से हुआ करता था. इसने भी 2016 में हुई भर्ती 16448 में सहायक अध्यापक पद के लिए आवेदन किया था इसकी भी स्नातक और डीएड की डिग्री वहीँ की है जहाँ की इन फर्जी अध्यापकों की है. अब इसने नौकरी पाई की नहीं या नौकरी कर रहा है इसकी जांच भी हमारी टीम आगे कर रही है.

 

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