महराजगंज : ईवीएम के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय में भारत मुक्ति मोर्चा ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। वर्ष 2024 का चुनाव बैलेट पेपर से हो इसके लिए भारत मुक्ति मोर्चा ने मुख्यालय में स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में पहले चरण के आन्दोलन में नारा दिया “EVM हटाओ, बैलेट पेपर लाओ और लोकतंत्र बचाओ”।
भारत मुक्ति मोर्चा ने ईवीएम के विरोध में केन्द्रीय चुनाव आयोग के खिलाफ 31 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में विशाल धरना की तैयारी की है। भारत मुक्ति मोर्चा के प्रथम चरण का आन्दोलन देश के 567 जिलों के जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर हुआ।
चरणबद्ध आन्दोलन का कार्यक्रम
- पहला चरण : 5 जनवरी 2024 को 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय को ज्ञापन
- दूसरा चरण : 10 जनवरी 2024 को 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन
- तीसरा चरण : 14 जनवरी 2024 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर रैली प्रदर्शन
- चौथा चरण : 31 जनवरी 2024 को केन्द्रीय सुचना आयोग कार्यालय, नई दिल्ली पर विशाल धरना
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भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका ने अपने एक जजमेंट में कहा था कि ईवीएम से मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव तभी हो सकता है जब VVPAT मशीन मशीन भी EVM के साथ लगाईं जाए और मतदाताओं को उनके द्वारा डाले गए मत की संतुष्टि के लिए VVPAT मशीन में वोट पाने वाले प्रत्याशी को उसके पार्टी का चुनाव चिन्ह भी दिखाया जाए।
भारत मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हुए हैं जिसके अंतिम परिणाम को लेकर भारतीय चुनाव आयोग को 15 से 20 हजार मामले प्राप्त हैं , लेकिन भारतीय चुनाव आयोग असंवेदनशील दिखाई दे रहा है और उसकी चुप्पी लोकतंत्र की हत्या कर रही है। अतः भारतीय मुक्ति मोर्चा लोकतंत्र को बचाने और ईवीएम को हटाने के लिए आन्दोलन कर रही है।
आन्दोलन के मुख्य आधार
- टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने वाले देशों में ईवीएम बैन तो भारत में इस्तेमाल क्यों?
- 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट के आधार पर सभी ईवीएम मशीन में VVPAT अनिवार्य तो फिर उसका इस्तेमाल ने बराबर क्यों?
- चुनाव आयोग के विरोध में बामसेफ का कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट का केस
- VVPAT से निकालने वाली पर्चियां चुनाव आयोग के द्वारा नष्ट क्यों?
- RTI के द्वारा प्राप्त सुचना के आधार 20 लाख गायब EVM कहाँ?
- ईवीएम का पेटेंट न होना?
- मात्र 3.5 % ब्राम्हाणों की 5-6 राष्ट्रीय पार्टियाँ कैसे?
भारतीय मुक्ति मोर्चा ने ईवीएम हटाने के विरोध में किए गए धरना का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम राष्ट्रपति को दिया।