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जाने माने युट्यूबर मनीष कश्यप की रिहाई के बाद बिहार में जोरदार इंट्री, राजनीति मे जमा सकते है कदम - uptvsamachar.com
manish kashyap

9 महीने के बाद यूट्यूबर मनीष कश्यप को जेल से बाहर कर दिया गया है। मनीष कश्यप जैसे ही जेल से बाहर आए उन्हें उन्हें देखने के लिए बेऊर (बिहार में) जेल के ठीक सामने उनके फैंस का भीड़ लग गया।

कौन हैं मनीष कश्यप । Who is Manish Kashyap
यदि आप यूट्यूब का इस्तेमाल करते हैं तो यूट्यूबर मनीष को जरूर जानते होंगे। यदि नहीं जानते हैं, तो मैं आपको बताता हूं बिहार राज्य के रहने वाले एक युवा यूट्यूबर हैं और सच तक नाम से यूट्यूब पर एक न्यूज़ चैनल चलाते हैं।

न्यूज़ चैनल (सच तक) की शुरुआत । About Sach Tak News Channel
वर्ष 2018 की बात है जब बिहार के एक मध्यमवर्गीय युवा मनीष कश्यप ने सच तक नाम से एक यूट्यूब चैनल की शुरुआत की और देखते ही देखते 5 साल के अंदर इस चैनल के 77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हो गए। अब सच तक चैनल का नाम बदलकर Sach Talks कर दिया गया है।

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सच तक चैनल की लोकप्रियता । Popularity of Sach Tak Channel
मनीष कश्यप की सच तक चैनल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह सामाजिक मुद्दों पर वीडियो बनाते हैं और लगभग हर वीडियो को लाखों लोग देखते हैं। सच तक चैनल पर अब तक ढाई हजार से अधिक वीडियो अपलोड किया जा चुका है और समस्त वीडियो को मिलाकर एक अरब 90 करोड़ से ज्यादा व्यूज हो चुका है।

मनीष कश्यप विवादों में क्यों । Why Manish Kashyap in Dispute
मनीष कश्यप के सच तक चैनल के साथ वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन वर्ष 2023 में उन्होंने एक ऐसा वीडियो बनाया जिसमें दिखाया गया था कि तमिलनाडु की सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट करती है। तमिलनाडु की सरकार ने इस वीडियो को फर्जी बताते हुए उन पर NSA यानी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत केस कर दिया। जिसके बाद मनीष कश्यप को 9 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया।

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम। What is NSA
NSA यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यह उन पर लगता है जिन्हें किसी भी प्रकार से देश के लिए खतरा माना जाता है। यह कानून 1980 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में बनाया गया था। इस कानून को अमल में पुलिस कमिश्नर, डीएम या राज्य सरकारें ला सकती हैं। इसमें संदिग्ध आरोपी को पहले 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जाता है तथा हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।

मनीष कश्यप के फैंस के लिए खुशखबरी । Good News for Manish Kashyap’s Fans
मनीष कश्यप पर NSA यानी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागाकर जेल में डाल दिया गया था और पूरे 9 महीने तक जेल में रखने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है और इसे लेकर उनके फैंस में काफी खुशी है। सबसे ज्यादा खुश मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले फैंस हैं क्योंकि उनका मानना है कि मनीष कश्यप ही एकमात्र ऐसे पत्रकार हैं जो मध्यवर्गीय और दबे-कुचले परिवार से आने वाले लोगों की समस्याओं के बारे में बात शासन एवं प्रशासन के सामने बेधड़क एवं बेहिचक करते हैं। इसके साथ ही सरकार के किसी भी कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही को लेकर खुल कर बात करते हैं।

अब आगे क्या । Now What Next

मनीष कश्यप के जेल से रिहा होने के बाद उनकी लोकप्रियता और तमाम विडियो में उनके द्वारा सरकारों के खिलाफ खुलकर बोलने से पता चलता है कि भविष्य में वे किसी पार्टी से जुड़कर या खुद की पार्टी बनाकर राजनीति में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि तमाम छोटे-बड़ों सामाजिक मुद्दों को लेकर वे जिस तरह से गंभीर होकर अपनी बात रख रहे हैं उससे यही अनुमान लगता है कि वे राजनीति के तरफ प्रेरित हो रहे हैं। वैसे हम आपको बता दें कि उन्होंने राजनीति में आने को लेकर कोई ब्यान नहीं दिया है।

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