गोरखपुर : सिंचाई विभाग में आज 6वर्षो के बाद तबादले होने जा रहे हैं, अधीक्षण अभियंता – अधिशासी अभियंता के तबादले ऑनलाइन और इसके साथ ही मुख्य अभियंता के तबादले ऑफलाइन किए जाएंगे.
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उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद प्रमुख सचिव अनिल गर्ग और विभाग अध्यक्ष अनिल कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमे स्थानांतरण होने वाले प्रदेश के मुख्य अभियंताओं के साथ उनके कार्यकाल कार्यों का विवरण एवं उपलब्धियां के बारे में बोर्ड मेम्बर्स ने जानकारियां ली.
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करीब 6 वर्षों से सिंचाई विभाग में तबादले नहीं हुए इससे निश्चित रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है और कामों में शिथिलता आई है, लेकिन अब तबादले के लिए मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
गोरखपुर मंडल की बात की जाए तो मंडल में कई ऐसे सहायक अभियंता और अवर अभियंता है जो करीब 10 वर्षों की अवधि इसी मंडल में पूरा कर रहे हैं कई शिकायतों और भ्रष्टाचार के आरोपो के बाद भी यह इसी मंडल में जमे हुए हैं सूत्र बताते हैं कि शिकायतों के बाद यह अपनी राजनीतिक सेटिंग से मंडल के ही अन्य जिलों में तैनात हो जाते हैं.
भारत नेपाल सीमा से सटे महराजगंज सिंचाई विभाग में भी कई ऐसे अवर अभियंता व सहायक अभियंता है जो करीब इसी जिले में 5 वर्ष से ज्यादा की अवधि पूरी कर रहे हैं उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे उन्हीं के विभाग के कर्मचारी उनके खिलाफ लामबंद भी हुए बावजूद इसके उनकी सेटिंग इतनी तगड़ी रही कि उनकी कुर्सी पर जरा भी आंच नहीं आया- महाराजगंज जिले में तैनात यह कुछ नाम है जो बेहद ही मलाईदार साइडों पर लंबे समय से जमे हुए हैं जैसे-
महराजगंज जनपद के सिंचाई विभाग का सबसे मलाईदार पटल
सहायक अभियंता अमोद सिंह यह मंडल में करीब 15 सालों से जमे हुए हैं, सहायक अभियंता अनिल सिंह इन्हें महराजगंज में ही करीब 6 साल हो चुके हैं, सहायक अभियंता मोहम्मद खालिद ,अवर अभियंता रवींद्र यादव यह महराजगंज में करीब 8 साल से चर्चित बाँध बी गैप पर तैनात है, अवर अभियंता मोहम्मद शरीफ करीब 10 साल से हैं और अवर अभियंता कौशल श्रीवास्तव करीब 6 साल, अवर अभियंता फरहान हुसैन, अवर अभियंता वसीम खान इसी जिले में जमे हुए हैं.
इन लोगों की इस मंडल या जिले में रहने की मियाद पूरी हो चुकी है लेकिन इन लोगों के तबादले की प्रक्रिया अभी शून्य है. तबादला वह प्रक्रिया है जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है, सरकार की नीतियों को बल मिलता है. फिलहाल योगी सरकार के इस फैसले से भ्रस्टाचारियों में भय का माहौल व्याप्त है वह अपनी कुर्सी बचाने की पुरजोर तरीके अपना रहे हैं!