सरकारी अस्पताल के व्यवस्थाओं को लचर बताकर अपनी दुकान चटकाने वाले निजी अस्पताल संचालक को जेल- गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायीक हिरासत में भेजा गया.

सरकारी महिला अस्पताल से गर्भवती महिला को गोद मे लेकर भागते निजी अस्पताल के संचालक

जिला महिला अस्पताल के सामने प्रतिदिन दिन और रात मरीजों को बहला फुसलाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कराने वाले दलालों में सिर्फ बेरोजगार नहीं निजी अस्पताल के संचालक भी हैं. गाँव देहात से आर्थिक रूप से कमजोर लोग पहले सरकारी अस्पताल का रास्ता देखते हैं और वहाँ मौजूद निजी अस्पताल के कर्मचारी मरीजों और परिजनों को बहलाकर निजी अस्पताल में भर्ती कराते हैं और उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं.

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ऐसा ही मामला बीते दिन देर शाम महिला अस्पताल के ठीक सामने देखने को मिला. जहां मरीजों और उनके परिजनों को सरकारी अस्पताल की कमियां बताते हुए बहलाकर निजी अस्पताल ले जाने के लिए दलालों के बीच विवाद हो रहा था. मौके पर पहुँचे पत्रकार मरीजों और उन दलालों से सवाल करने लगे. देखते ही देखते निजी अस्पताल संचालक जो मरीजों को बहलाने में लगे हुए थे सभी गोलबंद होकर पत्रकार से भिड़ गए. मामला हाथापाई तक पहुँचा जिसके बाद वहां पुलिस पहुँची मामले में बीच बचाव करना चाहा लेकिन मनबढ़ और दबंगई दिखाते हुए अस्पताल संचालक पुलिस से भी भिड़ गए.

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जिसके बाद कोतवाली पुलिस की फोर्स पहुँची और वहाँ मौजूद दलालों को भरकर थाने ले गई. निजी अस्पताल संचालक राजन गुप्ता, रत्नेश गुप्ता व लोकेश मिश्रा के नाम पर मुकदमा दर्ज कर न्यायीक हिरासत में भेज दिया गया.

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