महराजगंज : हत्या के मामले में अभियुक्तों को गिरफ़्तार करने के लिए श्यामदेउरवा थानेदार ने की पांच लाख रुपये मांगने का आरोप. पैसा न देने पर हत्या के मामले में विवेचना के दौरान एक्सीडेंट में बदल दूँगा केस, घूमते रह जाओगे.

ये है पूरा मामला :- 

जानकारी के मुताबिक़ श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा सियरहिभार मे बीते 14 अप्रैल की सुबह करीब 7 बजकर 30 मिनट पर पहली मनौवर की पत्नी के बेटों पर संपत्ति विवाद में ट्रैक्टर से कुचलकर घायल करने का आरोप लगाया गया था जिससे मनौवर कि मृत्यु इजाल के दौरान 15 अप्रैल को हो गई.

न्याय के लिये पीड़ित परिवार एसपी का भी खटखटा चुके है दरवाजा

शुरुआत में श्यामदेउरवा पुलिस ने मामले को दुर्घटना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने तेज – तर्रार एसपी डॉ. कौस्तुभ से मिलकर अपनी बात रखी साथ ही नम आँखों से गुनहगारों को सज़ा दिलाने के लिए गुहार भी लगाई.

एसपी के निर्देश पर श्यामदेउरवा पुलिस ने घटना के 11 दिन बीत जाने तीन नामजद व दो अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज की.

हत्या के मामले में आया नया मोड़ – थानेदार पर पांच लाख माँगने का आरोप

दरअसल श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के सियरहिभार ग्रामसभा निवाशी मनौवर खान ने दो विवाह किया था. मनौवर की पहली पत्नी अपने परिवार के साथ सियरहिभार ग्रामसभा में ही रहती है जबकि दूसरी पत्नी के साथ मनौवर हरपुर तिवारी सियरहिभार रोड पर घर बनवाकर रहता था.

 

 वर्षों से पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करते थे आरोपी

पिछले माह 14 अप्रैल की सुबह मनौवर अपने मोटरसाइकिल से सियरहिभार में अपने सगे – संबधो के घर सेवई पहुचाने गए थे जहाँ से वापस लौटते समय रास्ते मे मुबारक के राइसमिल के पास पहली पत्नी के तीन बेटे साथ ही दो अन्य सहयोगियों ने मनौवर को घेरकर बुरी तरह मारा – पीटा. वही मनौवर की दूसरी पत्नी के बेटी का यह भी आरोप है कि घटना स्थल पर मनौवर को ट्रैक्टर से भी कुचला गया जिससे मनौवर गंभीर रूप से घायल हो चुका था जिससे इलाज के दौरान मौत हो गई.

वही घटना की जानकारी मिलते ही मनौवर की दूसरी पत्नी अपने बच्चों समेत घटना स्थल पर पहुचा तबतक आरोपी फरार हो चुके थे. पीड़ित परिवार ने मनौवर को शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहाँ अगले दिन सुबह मनौवर की मृत्यु हो गई.

वही मृतक मनौवर की दूसरी पत्नी के बेटी ने श्यामदेउरवा थानेदार की दबंगई की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की. पीड़ित सैयदा ख़ातून ने अपने पिता के पहले पत्नी के बेटों पर आरोप लगाते हुए बताया कि पिछले माह 14 अप्रैल को मेरे पिता मनौवर की ट्रैक्टर से कुचलक गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया था जिनका इलाज़ के दौरान मृत्यु हो गई. जब हमने श्यामदेउरवा थाने पर थानेदार रामाज्ञा सिंह से न्याय की मांग की तो थानेदार ने हम दोनों भाई – बहन को गाली गुप्ता देकर भगा दिया जिसके बाद हमने एसपी डॉ. कौस्तुभ से न्याय की मांग की जिसके बाद एसपी के दबाव में 11 दिनों के बाद थानेदार ने तीन नामजद व दो अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया.

वही पीड़ित सैयदा ख़ातून ने थानेदार पर आरोप लगाते हुए बताया कि, मुकदमा दर्ज होने पर जब हम मुकदमा की कॉपी लेने गए तो थानेदार रामाज्ञा सिंह ने कहा कि तुम्हारे विपक्षी यानी आरोपियों ने तीन लाख बीस हजार रुपया दिया है अब तुम हमे पाँच लाख रुपया देती हो तो मुकदमा में धारा बढ़ाएंगे वरना हत्या के मुकदमे को एक्सीडेंट दिखाकर मामला रफ़ा – दफ़ा करवा देंगे तुम्हे जो करना है कर लेना जहाँ जाना है जाओ मैं जो लिखूंगा वही सुनवाई होगी.

मनौवर ने वर्ष 2015 में भी थाने पर तहरीर देकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी. पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली के कारण एक व्यक्ति को देनी ही पड़ी अपनी जान.

 

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