महराजगंज : जनपद को बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास अब अंतिम कसौटी पर है अंतिम निरीक्षण से ये आस लगाया जा रहा है कि जनपद के तेज-तर्रार जिलाधिकारी ने जो सपना देखा था वो जल्द ही पूरा होने वाला है.

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की टीम रामग्राम में मील स्तूप का निरीक्षण करने के दौरान अपने फ़ोन में तस्वीर कैदी करते हुए

मंगलवार की दोपहर भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा रामग्राम स्तूप का प्रारंभिक निरीक्षण किया गया. अधीक्षक पुरातत्ववेत्ता एवं टीम लीडर डॉ. आफताब हुसैन ने बताया कि आज हमारी पुरातत्त्व टीम द्वारा रामग्राम स्तूप का आरंभिक निरीक्षण किया गया. हमारी टीम ने निरीक्षण के दौरान स्तूप के अक्षांश-देशांतर, उसकी ऊंचाई, उसके आकार आदि बिंदुओं का विवरण नोट कर उत्खनन संबंधी आरंभिक खाका दिल्ली मुख्यालय को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि वहां से जरूरी अनुमति व निर्देश मिलने के बाद रामग्राम स्तूप के उत्खनन का काम नवंबर के अंत में अथवा दिसंबर की शुरुआत में आरंभ कर दिया जाएगा.

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वही डॉ. हुसैन ने कहा कि रामग्राम स्तूप उत्खनन परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है और इस उत्खनन से बौद्ध धर्म के साथ-साथ भारतीय इतिहास में भी मील का पत्थर स्थापित होगा.

रामग्राम में मील स्तूप की निरीक्षण करती भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम में डॉक्टर हुसैन के साथ सहायक पुरातत्ववेत्ता डॉ प्रदीप पांडेय व डॉ सौरभ कुमार, ड्राफ्टमैन राकेश कुमार और स्टोरकीपर अजय जायसवाल शामिल रहे. फिलहाल यह टीम अपना शुरुआती निरीक्षण करने के बाद लखनऊ लौट गई है.

बेहद अहम है रामग्राम स्तूप उत्खनन परियोजना : जिलाधिकारी

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आरंभिक निरीक्षण पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह उत्खनन परियोजना इतिहास व संस्कृति दोनों ही दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और इससे जनपद का नाम भारत के साथ-साथ दुनिया के पर्यटन एवं ऐतिहासिक पटल पर स्थापित होगा.

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