जिला प्रशासन के प्रयासों से शासन ने महराजगंज महोत्सव को मंजूरी दे दी है, तैयारियां भी जोरों पर है. देश के कई दिग्गज जाने माने कलाकार अपने अभिनय का प्रदर्शन करने वाले हैं. वीडियो-1 

 

महराजगंज जिला प्रशासन जिले की विकास को लेकर तेजी से प्रयासरत है, जिले की धरोहर इसकी पहचान और पर्यटन स्थलों के तेजी स विकास हुए हैं. कोरोना काल के तीन साल बोरियत में दिन काटी जनता को डीएम के प्रयासों से मुख्यमंत्री का उपहार मिला है. जिले की स्थापना दिवस पर आयोजित हो रहे महराजगंज महोत्सव से लोगों के चेहरे फिर से खिल उठे हैं.

महराजगंज महोत्सव का दिन मुकाम तय किया जा चुका है, आने वाली 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक महोत्सव मनाया जाएगा. जिसमें देश के ये नामी गिरामी कलाकार अपने जादुई सुरों और अंदाज से लोगों को झुमाएँगे नचाएंगे.

बच्चों में भी महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह देखें वीडियो -2

“चिट्ठी ना कोई सन्देश जाने वो कौन सा देश” जब महराजगंज के पीजी कॉलेज मैदान में ये गीत पंकज उदास गाना शुरू करेंगे तो सच मानिए लोगों की धड़कनें तेज हो जाएंगी. उनकी आवाज से ये जनपद सुगन्धित होकर गमक उठेगा और तालियों की गड़गड़ाहट ऐसी होगा मानों आसमान का सीना चीरते बिजली कड़क कर निकल गई हो.

डॉ कुमार विश्वास जब मंच पर चढ़ते ही दो लाइन इतना ही गुनगुनाएंगे “कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है” उसके बाद युवाओं के अंदर से वो सैलाब उठेगा कि चारों तरफ से इस गीत में लोग सुर से सुर मिलाएंगे. और जवाब में इस गीत को अपनी एक सुर में पूरा करेंगे.

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वहीँ जब भोजपुरी माटी के लाल दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ लोगों का अभिवादन करेंगे तो लोग उनकी भोजपुरी गीतों पर नाचते झूमते नजर आएंगे.

महोत्सव की तैयारियों में जुटा प्रशासन, तस्वीर में- एडीएम पंकज वर्मा और नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल
महोत्सव की तैयारियों में जुटा प्रशासन, तस्वीर में- एडीएम पंकज वर्मा और नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल

नन्ही सी उम्र में हिंदुस्तान को देश विदेश में अपनी मधुर संगीत से भारत माटी की सुंगध फैलाने वाली मैथिली ठाकुर को जब महराजगंज देखेगा और उन्हें सुनेगा उसके बाद पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा. यदि उन्होंने ये गीत गाया “नगरी हो अयोध्या सी ….” तो पूरा पांडाल श्री राम की नारों से गूंजेगा और यदि उन्होंने ” राम भजन- हमार पहुना सारे जग से निराला” गाना शुरू किया तो फिर उस क्षण को अपनी कलम से कुछ लिखकर मैं छोटा नहीं करना चाहता क्योंकि वह क्षण वाकई ऐतिहासिक होने वाला है.

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