जिले के कोने कोने में फैले झोला छाप डॉक्टरों और अस्पतालों की भरमार पड़ी है, जिनकी वजह से लगातार जाने जा रही हैं. इस ख़बर में आप पढेंगे कि कैसे एक आशा ने चंद रुपयों की लालच में जच्चा और बच्चा दोनों को बली पर चढ़ा दी.
Uptv के ख़बर पर असर- निजी अस्पतालों की दलाल बनी आशाएं, अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद जागा प्रशासन, अस्पताल सील
महराजगंज के पनियरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक मामला सामने आया था जिसमें गोरखपुर के रहने वाले रामअवतार ने अपनी गर्भवती पत्नी प्रमिला का प्रसव कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था, जहाँ मौजूद आशा कार्यकत्री संगीता ने रुपयों की लालच में उसे बहला फुसलाकर यह बताते हुए कि तुम्हें यहाँ बेहतर इलाज नहीं मिलेगा, यह कहकर वह प्रसव पीड़ित महिला को पनियरा कस्बे में स्थित प्राइवेट अस्पताल “मेडिसिटी हॉस्पिटल’ में भर्ती करा दिया था. महिला का प्रसव हुआ बच्चा हुआ लेकिन थोड़ी देर बाद ही दोनों की तबियत बिगड़ने लगी जिसके बाद हॉस्पिटल संचालक अपनी बोरिया बिस्तर लेकर फरार हो गया और जच्चा- बच्चा दोनों की मौत हो गई.
इस फर्जी अस्पताल में डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक सभी मुन्ना भाई M.B.B.S वाली डिग्री धारक थे यानी कि सभी फर्जी थे. पुलिस की छानबीन में यह भी खुलासा हुआ कि इस हॉस्पिटल संचालक के पास मात्र B.Pharma की डिग्री थी उसी के बलबूते उसने कुछ दवाइयों का नाम लिखना पढ़ना सीख लिया था और स्वाथ्य विभाग की मिलीभगत से हॉस्पिटल खोलकर भोली भाली जनता को डसने लूटने बैठ गया था जिसका एक उदाहरण सामने है.
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रामअवतार की पत्नी और नवजात शिशु की मौत के बाद इन्होंने पनियरा थाने में तहरीर दिया था जिसको पुलिस प्रशासन गंभीरता से लेते हुए विवेचना शुरू कर दी थी, विवेचना में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं जैसे कि यह हॉस्पिटल फर्जी था, संचालक के पास एक मात्र बी.फार्मा की डिग्री थी यहाँ सभी कर्मचारी अनुभवहीन थे. यही नहीं यहाँ मरीजों के इलाज के लिए कोई मशीनी उपकरण मौजूद नहीं था. पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच के बाद आशा संगीत और हॉस्पिटल संचालक अजित और सहयोगी आरिफ को गिरफ्तार कर लिया है.