संवाददाता: अरुण गौतम जातिवाद के खिलाफ़ बहुजनों ने खोला मोर्चा, मांगी जातिवाद से आज़ादी
देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लेकिन पता नही कब लोग अपनी जातिवादी मानसिकता से आजाद होंगे। एक तरफ लोग सभी जाति और धर्म को एक सामान मानते है। तो वहीं दूसरी तरफ छुआछूत जैसी गन्दी मानसिकता के साथ जीते है।
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हाल ही में राजस्थान राज्य के सुराणा क्षेत्र में जातिवाद का शिकार हुए आठ वर्षीय इंद्र मेघवाल को अपनी जान गवानी पड़ी थी। दरअसल बात यह थी कि इंद्र मेघवाल कक्षा तीन का छात्र था। जिसे पढ़ाई के दौरान प्यास लगी तो वह अपने हेड मास्टर की मटकी से पानी पीने लगा। लेकिन वह जाति से दलित था तो हेड मास्टर छैल सिंह इसपर भड़क गए। मटकी से पानी पीने पर हेड मास्टर इतना खफ़ा हुए कि इंद्र को बुरी तरह पीट डाला। जिसके बाद इलाज के दौरान इंद्र मेघवाल की मौत हो गयी। अब बहुजन संगठनो ने इसके खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। जगह जगह जातिवाद के खिलाफ़ आंदोलन शुरू हो गए हैं।
इसी क्रम में आज महराजगंज के मुख्य चौराहे पर आज़ाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने राजस्थान सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की और इंद्र मेघवाल के लिए न्याय की मांग की।